इंटरनेट की विकास यात्रा
इन्टरनेट विकास यात्रा
1962 से
1969
यही वह काल था जिसमे की इंटरनेट की परिकल्पना की गई तथा इंटरनेट कागजी परिकल्पना से निकलकर एक छोटे से नेटवर्क के रूप में सामने आया|
1962
पॉल बैरन, रैंड कॉरपोरेशन ने पैकेट स्विच तकनीक पर आधारित कंप्यूटर नेटवर्क की परिकल्पना की|
1967
एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (ARPA) ने जो कि एक सैन्य संगठन था ने अरपानेट बनाने के संबंध में विचार विमर्श आरंभ किया|
1969
ARPANET का निर्माण किया गया जिसके अंतर्गत अमेरिका के 4 संस्थानों स्टैनफोर्ड रिसर्च संस्थान, यूसीएलए, UC, SANTA, BARBARA तथा UTAH विश्वविद्यालयों में स्थित एक एक कंप्यूटर को जोड़कर 4 कंप्यूटरों का नेटवर्क बनाया गया|
1970 से 1973
ARPANET
परीयोजना को आरंभ से ही सफलता मिलती गई| वैसे तो इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों के मध्य डाटा आदान प्रदान व रिमोट कंप्यूटिंग था लेकिन ईमेल सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला माध्यम बन गया|
1971
ARPANET
से अब 23 कंप्यूटर जुड़ गए थे ये कंप्यूटर अमेरिका के विश्वविद्यालयों व रिसर्च संस्थानों में स्थापित थे|
1972
इंटरनेट वर्किंग ग्रुप (INWG) बढ़ते नेटवर्क के लिए मानक बनाने के लिए बनाया गया इसका प्रथम अध्यक्ष विंटन सर्फ (Vinton Cerf) को बनाया गया जिन्हें कि आगे जाकर इंटरनेट का पितामह कहा गया|
1973
अमेरिका से बाहर लंदन स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज तथा नार्वे स्थित रॉयल रडार संस्थान के कंप्यूटर ARPANET से जोड़े गए|
1974 से 1981
ARPANET
सैन्य रिसर्च से बाहर आया तथा सामान्य लोगों को इसी अवधि में यह पता लगा कि कंप्यूटर नेटवर्क का आम जीवन में किस प्रकार का उपयोग संभव है|
1974
TELNET
का विकास हुआ तथा अरपानेट का वाणिज्यिक उपयोग संभव हुआ
1975
स्टोर एवं फॉरवर्ड प्रकार के नेटवर्क बनाए गए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने पहली बार ईमेल भेजा
1976
यू यू सी पी (Unix to Unix Copy) AT&T Bell Laboratory द्वारा विकसित किया गया जिसे कि बाद में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ बेचा गया
1977
UUCP
का उपयोग करते हुए THEORYNET बनाया गया जिसके द्वारा 100 से अधिक रिसर्च कार्य में लगी वैज्ञानिकों
को ईमेल की सुविधा उपलब्ध कराई गई|
1979
DUKE
विश्वविद्यालय के Tom Truscott व Jim Ellis तथा नॉर्थ कैलिफोर्निया
विश्वविद्यालय के Steev Velowin ने प्रथम यूज़नेट न्यूज़ ग्रुप बनाया| इस न्यूज़ ग्रुप में कोई भी भाग लेकर धर्म राजनीति विज्ञान तथा अन्य किसी भी विषय के संबंध में आपस में चर्चा कर सकते थे|
1981
अरपानेट के 213 होस्ट कंप्यूटर हो गए थे तथा औसतन लगभग 20 दिनों बाद एक HOST कंप्यूटर जुड़ने लगा
1982 से 1987
इसी अवधि में इंटरनेट शब्द का प्रयोग अरपानेट के स्थान पर हुआ तथा Vinton Cerf तथा Bob Kahn ने इंटरनेट से जुड़े समस्त कंप्यूटरों के लिए एक समान प्रोटोकॉल का विकास किया जिससे कंप्यूटर सरलता से सूचना का आदान प्रदान कर सके| लगभग इसी समय पर्सनल कंप्यूटर व अन्य सस्ते कंप्यूटर का विकास हुआ| जिसके फलस्वरुप इंटरनेट का अधिक तेजी से विकास हुआ|
1982
समस्त इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक समान प्रोटोकॉल टीसीपी आईपी (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल) का विकास हुआ| इंटरनेट नाम पहली बार प्रयुक्त किया गया|
1983
ARPANET
दो भागों में मिली नेट तथा ARPANET में विभक्त किया गया|
1984
- डोमेन नेम सर्वर प्रणाली का विकास किया गया|
- JUNET (जापान यूनिक्स नेटवर्क) UUCP
का उपयोग करते हुए बनाया गया|
- इंटरनेट के होस्ट कंप्यूटरों की संख्या 1000 से ऊपर हो गई |
- पहली बार साइबरस्पेस का नाम इंटरनेट को दिया गया|
1990
NSFNET अस्तित्व में आया।
अरपानेट को समाप्त कर दिया गया तथा नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्स के रूप में इंटरनेट शेष रहा| जिसके की होस्ट कंप्यूटर की संख्या 300000 हो गई| पीटर डयुश, एलन एक्टेज व बिल हौलन ने ARCHIE को जारी किया| जिससे कि इंटरनेट के कंप्यूटरों पर उपलब्ध सामग्री को आसानी से प्राप्त किया जाने लगा
1991 से 1993
यही वह अवधि थी जिसमें कि इंटरनेट में सर्वाधिक ऊंचाइयों को छुआ| इंटरनेट का वाणिज्यिक उपयोग काफी बढ़ गया|
1991
- GOPHER को पॉल लिनडर व मार्क मैकहिल ने विकसित कर जारी किया|
- वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सरवर का विकास हुआ|
- इंटरनेट पर प्रतिमा डाटा आदान प्रदान करने की मात्रा के लिए ट्रिलियन बाइट से भी अधिक हो गई|
1992
- इंटरनेट पर ऑडियो वीडियो को भेजा जाना संभव हुआ|
- इंटरनेट सोसाइटी की स्थापना हुई|
- वर्ल्ड वाइड वेब को टिम बर्नर्स ली ने विकसित किया|
- एक लाख से अधिक होस्ट कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ गए|
1993
- MOSAIC नामक पहला ग्राफिक आधारित वेब ब्राउज़र
विकसित किया गया|
- INTERNIC का गठन इंटरनेट संबंधित सर्विस को एकरूपता प्रदान करने व उनका प्रबंधन करने के उद्देश्य से किया गया|
1994 से 1998
- लगभग 40 मिलियन उपयोगकर्ता इंटरनेट से जुड़ गए तथा इंटरनेट युग का सूत्रपात इसी अवधि में हुआ|
- इंटरनेट शॉपिंग का आरंभ हुआ|
- विज्ञापनदाताओं ने इंटरनेट पर विज्ञापन देने आरंभ किए|
1995
- NSFNET पुनः रिसर्च कार्यों तक सीमित हो गया|
- सन माइक्रोसिस्टम में इंटरनेट प्रोग्रामिंग भाषा जावा का विकास किया|
1996
- इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों की संख्या 10 मिलियन से अधिक हो गई|
- 150 से अधिक देशों को कंप्यूटर
इंटरनेट से जुड़ गए|
1997
इंटरनेट में आम आदमियों के बीच अपनी पहचान बना ली तथा इसके बिना जिंदगी अधूरी सी प्रतीत होने लगी|
1998
- भारत में प्रत्येक स्थान पर इंटरनेट को पहुंचाने का प्रयास आरंभ हुआ|
- नेशनल इन्फार्मेटिक्स पॉलिसी बनाई गई|
1999 से अब तक
अब इसमें अनेक संशोधन करके इसको और सरल बनाया गया| परिणाम यह निकला कि इस नेटवर्क के लिए एक मानक सुनिश्चित करके असैन्य कंपनियों के प्रयोग के लिए खोल दिया गया तथा अब इसमें सभी प्रकार की सूचनाओं को भी जोड़ा गया| इस प्रकार एक विस्तृत नेटवर्क का जन्म हुआ जिसे हम आज इंटरनेट के नाम से जानते हैं|
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